दौड़ाना
अब जापान शरद में है.अब जापान में शरद ऋतु है । हवा ताजी और मौसम अच्छा है. कल मैं बहुत समय के बाद बगीचे में दौड़ी, और मुझे वह अच्छा लगा. लण्ढोर में भी, बहुत विदेशी लोग दौड़े थे. मैंने भी सोचा कि मैं वहाँ भी दौड़ूँगी, और दौड़ने के लए जूते और कपड़े भी (ला कर गई ,) लाई ,मगर मैं कभी नहीं दौड़ी. मालूम नहीं क्यों. शायग (पहले ) पहली बार दौड़ना सब से मूशिक्ल है. एक बार जब इसकी आदत (करती,)हो जाएगी तो मैं इस बात पर क़ायम (रख) रह सकती हूँ. चाहे जैसे, अब तो मैं टोक्यो में हूँ, और मेरा आम बगीचा नज़दीक में है. और मैं घर में ही कम करती हूँ. सो, माफी की वजह कुछ नहीं हैं. मैं कम से कम एक हफ्ते में दो बार दौड़ूँगी.