Suprit Roy
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।। अर्थ – व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति का परिश्रम ही उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम करता है तो वह दुखी नहीं होता है और हमेशा खुश ही रहता है। उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
4 Mar 2021 18:01