मेरा बचपन
मैं वार्सा में उन्नीस सौ नब्बे में पैदा हुई। मेरे कोई भाई बहिन नहीं है इसलिए मैं हर समय अकेले ही खेलती थी। मैं हमेशा बहुत किताबें पढ़ती थी। और मेरी पसंदीदा पुस्तक "क्लेक्स जी की अकादमी " थी, जो मैं कई बार पढ़ चुकी थी। जब मैं किताबों के साथ समय नहीं बिताती तो मैं कार्टून्स देखती या कंप्यूटर पर खेलती थी। स्कूल के बाद मैं दोस्तों से मिलती और हम शाम तक बाहर खेलते थे।
छुट्टियों में अक्सर मैं मेरी दादी की सहेली की बहिन के बेटे के साथ समुद्र जाती थी। वह मेरा भाई जैसा था। हमेशा वह मेरी देखभाल करता था। और अगर मैं कोई गलती करती थी तो यह पक्का था कि वह किसीको नहीं बताता। हम दोनों को कागज़ का हवाई जहाज़ उड़ाने में बहुत आनंद आता था। कभी कभी हम ये प्लेन होटल के छत से उड़ाते थे। जब माँ हमको वहां खेलते देखती वह हमें ज़ोर से डाँटती थी। मुझे समुद्र बहुत पसंद था। मैं लम्बे समय तक पानी में तैर या किनारे पर खेल सकती थी। कई बार हम सर्दी में उधर जाते और तभी भी वहाँ बहुत सुन्दर था।
हालाँकि मेरा बचपन ठीक था और कभी कभी मुझे इसकी याद आती है तो मैं फिर से स्कुल जाना न चाहती।